Sunday 29 July 2012

पुर्जा-पुर्जा शोर करता है अब...

पुर्जा-पुर्जा शोर करता है अब,
इस पुराने 2 इन 1 का
अलग ही था वो जमाना,
कैसेट पे गाने सुनना, मैच की कमेन्ट्री
और हाँ वो आवाजें रिकॉर्ड करने और सुनने का सिलसिला...

आज यूँ ही फुर्सत से पुराना बक्सा खोला
आस पास की चीजें पुरानी होनी लगती हैं,
तो जाने कहाँ से ये फुर्सत आ जाती है
2 इन 1 सोया हुआ था एक कोने में,
जाने कबसे...

कुछ ज्यादा ही जगह खा गया है,
काफी बड़ा है
नींद से उठाया तो पुर्जों का शोर
सोचता हूँ कबाड़ी को दे दूँ
बक्से में कुछ जगह बन जाएगी
सी डी प्लेयर भी सठिया गया है,
पुर्जा-पुर्जा शोर करता है अब...