Saturday 24 March 2012

कहानी SONY-CID की...

इस घटना के सभी पात्र काल्पनिक हैं. अगर इसका सम्बन्ध आपकी किसी सच्चे अनुभव से है तो ये मात्र एक संयोग होगा. अगर किसी की भावनाएं आहात हुई तो उसके लिए छमा करें...

ऑफिस से थका हारा  घर  को  आया,
System पे गाना फुल volume में चलाया.
सांवरिया Style में  towel घुमाया,
Shower को अपना गाना सुनाया
फिर अदरक वाली चाय संग,
Britannia Marie Gold का  तड़का लगाया.
इधर- उधर कुछ फोन घुमाये,
फिर सोचा कुछ news हो जाये.
स्टाइल में remote का  button दबाया,
TV पे  जाना पहचाना  सा  चेहरा पाया...

Ohh no...

फिर बड़ी आसानी  से  खुद  को  समझाया.
The variable is SONY, then obviously default value CID ही  होनी.
वो दया का मुस्कुराता हुआ चेहरा पाया,
Forensic expert के logic को पचाया.
गोली कहाँ से कितनी दूर से चली,
फिर आकर ACP साब ने बताया.
अभी तो ये शुरुवात थी,
आगे पूरी रात थी.

Case as usual दिलचस्प  था,
इसी बहाने मैं भी mind exercise में व्यस्त था.

Oho then suddenly a break…

Now it’s time to play some mind game,
that’s why I switched off the TV again.
फिर  door bell के साथ में चिल्लाने की आवाज़ आई…
अड़े NeOOOOOO…
Mr Anderson was at the door...

Hey what about the market scene man,
Oracle BABA ने कुछ नाम बताये थे.
Shares going up or down again ?

अब फिर से स्टाइल में remote दबाया,
और share market का हाल सामने पाया.
Market scene was quite fine,
Now my turn to catch the time.

SONY- CID के प्यार के दम पर,
सोचा कुछ कमाई हो जाये.
Mr Anderson को बोला plug to SONY,
कुछ serious comedy हो जाये.

Mr Anderson : णा पगला  गया  छोरे, यो  कोण सा  time है  CID का ?

ये  मूरख क्या जाने  SONY-CID का प्यार,
वक़्त  की  नजाकत को लपक मैंने किया फिर अगला वार.

Me : OK सो-सो  रूपये  की  शरत हो  जाये .
Mr Anderson: शरत घोड़ों  पर लगायी जाती  है, शेर पर नहीं  !!!

/* CID is शेर , इतने time  से लोगों  के  दिलों  में  और  TV पर  राज  कर रहा है ...
CID was from fav list of Mr Anderson, एक शेर का मालिक ही जाने है उसको चारा कब डालना है */

Mr Anderson: दे  लगा  पञ्च -पञ्च सो  की शरत
Me : OK OK...देखना  पड़ेगा...
Mr Anderson: दे  क्या  देखना  पड़े…दे  देणा आराम से...
Me: OK done...
तो  ले...TV got some rays coming out of remote

Mr Anderson: णा  क्या  हो  गया  यो…ना मतलब  कैसे ???

Me: अबे  इतना  CID देखा  पर  तू  SONY-CID का  प्यार  ना  पहचान  पाया.
अबे  इनके  प्यार  की  खबर  भी  है  तुझे, किस्सों  में  ही  hard -disk भर  जाये.

चल  छोड़  तू  क्या  जाने, प्यार  क्या  होता  है...

Case भी  अब  तक  solve था , खुशियों  का  माहौल  था .
फिर  ACP साब ने आकर, किया सबको  खबरदार.
और Mr Anderson को  पता  चला  क्या  होता  है सच्चा  प्यार.
CID तो  बना ही SONY के लिए है, आता  रहेगा  बार -बार...
बार-बार हर बार लगातार... 

जिंदाबाद -जिंदाबाद  SONY-CID का  प्यार  जिंदाबाद !!!

P.S. I wrote this 2 years back when SONY-CID was in committed  relationship. Now  because of 'Crime-Patrol' there are some misunderstanding in their relationship, hope everything will be fine soon.



No comments:

Post a Comment