उसे अब चाँद की तमन्ना नहीं
वो इन बातों से ऊपर उठ बन गया है तारा
वो चमका रहा है कुछ आँखें अँधेरे में
मरेगा जब रोशन करेगा उम्मीदें कुछ बुझती हुई...
वो इन बातों से ऊपर उठ बन गया है तारा
वो चमका रहा है कुछ आँखें अँधेरे में
मरेगा जब रोशन करेगा उम्मीदें कुछ बुझती हुई...
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