Saturday 1 August 2015

उसे अब चाँद की तमन्ना नहीं...

उसे अब चाँद की तमन्ना नहीं
वो इन बातों से ऊपर उठ बन गया है तारा

वो चमका रहा है कुछ आँखें अँधेरे में
मरेगा जब रोशन करेगा उम्मीदें कुछ बुझती हुई...

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