Saturday 1 August 2015

पानी पे लिखा एक वादा...

पानी पे लिखा एक वादा
गर्मियों में उड़ गया
बरसात संग बरसा फिरसे
पर पानी में गुम गया

पारा कभी जमा नहीं
और समुन्दर में ये घुल गया
खारा था शायद वादा
बस खारेपन को मिल गया...

No comments:

Post a Comment