nomad on a soul searching JOURNEY...
Sunday, 2 August 2015
दोस्ती की रबर बॉल...
दोस्ती की रबर बॉल
गिरती-फिसलती हाथों से,
टप्पा खाती शहर-शहर
यकीन है मुझको, पकड़ ही लूँगा फिर से किसी टप्पे के बाद...
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